Subodh Roy in Hindi – Freedom Fighters of India

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Subodh Roy – Freedom Fighters of India

Contribution of Subodh Roy - Freedom Fighters of India - Learners Inside
Contribution of Subodh Roy – Freedom Fighters of India by Learners Inside.

सुबोध राय – परिचय

इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे महान क्रांतिकारी सुबोध रॉय के बारे में।

सुबोध रॉय का जन्म 26 अगस्त 1915 को चिट्टागोंग में हुआ था। रॉय भारत के स्वाधीनता आंदोलन से प्रभावित क्रान्तिकारी समाजवादी थे। वे प्रसिद्ध चिट्टागोंग हथियारों की लूट की टीम में सबसे युवा क्रांतिकारी थे। सुबोध रॉय को झुमको रॉय के नाम से भी जाना जाता था।

योगदान

रिवोल्युशनरी इंडियन सोशलिस्ट पार्टी के नेता सूर्यसेन ने 1930 में चिटगांग में अंग्रेजों के हथियारों की मालखाने पर छापा मारने की योजना बनाई। योजना के तहत चिट्टागोंग में दो मालखानों पर कब्जा करना शामिल था।

क्रांति की ज्वाला को और तेज करने के लिए धन जुटाने के उद्देश्य से चिट्टागोंग में इंपीरियल बैंक को लूटना और क्रांतिकारियों को जेल से छुडाना भी योजना का हिस्सा था। 18 अप्रैल को इस योजना पर अमल किया गया।

क्रांतिकारियों के एक समूह ने यूरोपियन क्लब के मुख्यालय पर कब्जा कर लिया। क्रांतिकारी पुलिस के मालखाने के बाहर एकत्र हो गए जहां सूर्यसेन ने सैन्य सलामी ली। राष्ट्रीय ध्वज फहराया और अंतरिम रिवोल्युशनरी सरकार की घोषणा की।

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क्रांतिकारी भोर होने से पहले ही चिट्टागोंग से निकल पडे और चिट्टागोंग हिल रेंज की तरफ भडने लगे। उन्हें छिपने के लिए सुरक्षित ठिकाने की तलाश थी लेकिन कुछ ही दिनों में पुलिस ने उन्हें पकड लिया। मुकदमे के बाद रॉय को 1934 में पोर्टब्लेयर की सेल्यूलर जेल भेज दिया गया।

1940 में जेल से रिहा होने के बाद रॉय राजनीति में आ गए और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य बन गए। सुबोध रॉय ने कम्युनिस्ट आंदोलन के इतिहास में बडा बौद्धिक योगदान दिया। उन्होंने कम्यूनिज्म इन इंडिया – अनपुब्लिशड डॉक्यूमेंट्स (Communism in India – Unpublished Document), पुस्तक का संपादन किया।

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